Wednesday 23 August 2017

अभी- अभी पीएम मोदी के मंत्रिमंडल का तीसरा विस्तार, इन दिग्गज नेता को किया बहार

दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी अपने तीसरे कैबिनेट विस्तार की तैयारी में जुट गया है। इसके चलते पीएम मोदी और अमित शाह के बीच लगातार चर्चा जारी हैं और ये चर्चा करें भी क्यों न, क्योकि लोकसभा चुनाव में जाने से पहले ये आखिरी दांव जो खेलना है। हालिया रेल हादसों से कटघरे में खड़े और मोदी सरकार की कृपा से वंचित प्रभु की छुट्टी लगभग तय मानी जा रही है।

बता दें कैबिनेट का विस्तार 25 अगस्त से 2 सितम्बर के बीच में हो सकता है। इसकी वजह मोदी के चीन रवाना होने से पहले मंत्रिमंडल विस्तार से मुखातिब होना हो सकता है। जोकि 3 सितम्बर को चीन रवाना हो जाएंगे।
कैबिनेट विस्तार कुछ समय पहले ही होना तय मन जा रहा था, किन्तु गुजरात राज्यसभा चुनाव फिर JDU गठबंधन ने इन तैयारियों में थोड़ा विराम लगा दिया था।ख़बरों के मुताबिक मत्रिमंडल में लगभग 12 फेरबदल हो सकते हैं। वहीँ रेल हादसों के बाद अगर सुरेश प्रभु की रेल मंत्रालय से छुट्टी होती है, तो पीएम मोदी नितिन गडकरी को नया रेलमंत्री नियुक्त कर सकते हैं। साथ ही रेल मंत्रालय के लिए सुपर परिवहन मंत्रालय की अवधारणा लाई जा सकती है।
इसके अलावा मनोहर पर्रिकर के गोवा का मुख्यमंत्री बनने के बाद अरुण जेटली के पास तो वित्त और रक्षा जैसे दो बड़े मंत्रालय का भार है।अब चीन के साथ सीमा विवाद के मद्देनज़र फुलटाइम डिफेंस मिनिस्टर की जरूरत साफ दिख रही है। वहीँ वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति बनाए जाने के बाद से सूचना-प्रसारण मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय भी खाली हुए हैं।
वहीँ सूचना प्रसारण का एडिशनल चार्ज कपड़ा मंत्री स्मृति इरानी को मिलने के साथ उनके खाते में दो मंत्रालय आ गये हैं, तो शहरी विकास मंत्रालय नरेंद्र सिंह तोमर को मिला है।ऐसे में यह जिम्मेदारी मिलने के बाद नरेंद्र सिंह तोमर के पास पांच मंत्रालय हो गये हैं। इसी तरह अनिल माधव दवे के मई में निधन के बाद से पर्यावरण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार केंद्रीय विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन संभाल रहे हैं।
JDU समीकरण
भारतीय जनता पार्टी ने जदयू से गठबंधन करके बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया था। अब समय आ गया है कि मोदी सरकार इसका रिटर्न गिफ्ट नितीश की पार्टी को सौंपे। खबर ये भी है कि मंत्रिमंडल विस्तार के चलते नितीश को भी 24 को दिल्ली बुलाया गया है।
ख़बरों के मुताबिक सरकार विभिन्न राज्यों के राज्यपाल के नामों का एलान कर सकती है। इसमें बिहार और तमिलनाडु के राज्यपाल भी शामिल हो सकते हैं। साथ ही साथ 2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए कुछ नेताओं को पार्टी में वापस भेजा जा सकता है।
दक्षिण से कौन
नायडू के उपराष्ट्रपति बनने के बाद अब बीजेपी को लोकसभा चुनाव से पूर्व एक दक्षिण के नेता की जरूरत सक्रिय राजनीति में हो चली है। मोदी के कैबिनेट विस्तार में दक्षिण का नेता दिखने की पूरी सम्भावना है, जोकि पार्टी का तार दक्षिण से जोड़ सके।
डोकलाम विवाद
सीमा विवाद के चलते रक्षा मंत्रालय किसको सौंपा जाता है, यह देखना अहम होगा। जोकि मनोहर पर्रिकर के इस्तीफे के बाद से वित्त मंत्री अरुण जेटली के हाथों में है।
2019 से पहले का दांव
सरकार की तरफ से रक्षा मंत्रालय समेत 4 बड़े मंत्रालयों पर फैसला हो सकता है। इस फेरबदल को 2019 के चुनावी चश्मे से देखा जाएगा। वहीं काम ना करने वाले मंत्रियों की मंत्रिमंडल से छुट्टी हो सकती है।

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