Wednesday 6 September 2017

नितीश सरकार गिर जाएगी : पढ़िए राजनैतिक पंडितो का पूरा गुणाभाग

शरद यादव समेत विपक्षी राजद की रणनीति है कि पहले चुनाव आयोग कोई फैसले ले उसके बाद यदि शरद यादव का दावा क़ानूनी रूप से वैध हो जाता है फिर नितीश कुमार का साथ छोड़ने वाले जनतादल यूनाइटेड के विधायको की सदस्यता भी नही जाएगी जिसके बाद नितीश सरकार अल्पमत हो जाएगी.बरहाल विपक्षी दलों की निगाहें अब चुनाव आयोग के फैसले पर टिकी है.

जनता दल यूनाइटेड पर दावेदारी तो शरद यादव ने ठोक दी है लेकिन अगर इलेक्शन कमीशन ने शरद यादव के गुट को मान्यता दे दी फिर नितीश कुमार सरकार गिर जाएगी.
वही शरद यादव के इस क़दम से नितीश कुमार भी अनजान नही है इसीलिए जनता दल यूनाइटेड की कोशिश है कि किसी तरह कांग्रेस को तोडा जाये लेकिन अभी भी टूट को वैध कराने के लिए आवश्यक 18 कांग्रेस विधायक नही तैयार है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सिर्फ दस कांग्रेस विधायक ही कांग्रेस से बगावत के लिए तैयार है लेकिन विधानसभा सदस्यता जाने के डर से ये भी खामोश है.
शरद ने दिया ब्यान
मंगलवार को जदयू के सीनियर नेता और पार्टी के संस्थापक रहे शरद यादव ने कहा कि उन्होंने अपने किसी लाभ के लिए नहीं बल्कि ‘देश की समस्याओं ’ को देखते हुए यह फैसला लिया है.
शरद यादव ने मीडिया को बयान देते हुए कहा, ‘यह कदम मैंने कोई अचानक नहीं उठाया है. मैं पिछले तीन साल से इस बात की कोशिश में लगा था कि पार्टी सही रास्ते पर चले. पर अब जो कुछ हुआ (जदयू ) उसके लिए मेरे अंत:करण ने गवाही नहीं दी.’
शरद यादव ने मोदी सरकार के मंत्रीमंडल में जनता दल यूनाइटेड को शामिल ना करने के सवाल पर कहा कि ये प्रश्न आप नितीश कुमार से करिए.
वही नितीश कुमार द्वारा राज्यसभा से उनकी सदस्यता खत्म करवाने की कोशिश पर उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी परवाह नही है.उन्होंने कहा, ‘मेरी राष्ट्रीय राजनीति में भूमिका है.’

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